मंदिर परिसर में जाने से पहले जूते बाहर निकालने होते हैं।
गुरुद्वारा के अंदर घुसने से पहले सिर पर रुमाल बांधना जरूरी है। जिन लोगों के पास सिर पर बांधने के लिए रुमाल नहीं होता है गुरुद्वारा के लोग स्वयं उन्हें स्कार्फ देते हैं। सर ढकना आदर प्रकट करने का एक तरीका है।
मंदिर के अंदर धूम्रपान, मदिरा पान आदि पूर्णत: निषेध हैं।
पूरे शरीर को ढके हुए कपड़े पहनना जरूरी है।
दरबार साहिब के अंदर गुरबाणी सुनते समय सभी लोगों को नीचे बैठ कर सुनना चाहिए जो गुरु ग्रंथ साहिब और भगवान के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
पहली बार गुरुद्वारा आने वाले पर्यटकों को घूमने से पहले मेन इंट्री गेट और क्लॉक टावर के पास इंफॉर्मेशन ऑफिस तथा सेंट्रल सिख संग्रहालय (म्यूजियम) में जाकर सिख समुदाय और श्री हरमंदिर साहिब के इतिहास के बारे में पूरी जानकारी ले लेना सही होता हैं। इससे गुरुद्वारा देखने मैं मदद मिलेगी |
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Topi ja cap pehan k aa sakte h gurudwara mein