धाम यात्रा

द्वारका

द्वारका धाम का महत्व

द्वारका भारत के सबसे प्राचीन नगरों में से एक है। यह तीर्थस्थल हिन्दुओं के आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार धामों में से व पवित्र सप्तपुरियों में से एक है। द्वारका को देवनगरी के नाम से... more »

द्वारकाधीश मंदिर की भूगोलिक स्थिति और वास्तुकला

श्री द्वारकाधीश मुख्य मंदिर गोमती नदी के संगम पर बना हुआ है , जो अरब सागर से मिलती है। नगर के एक हिस्से के चारों ओर चहारदीवारी है।जिसके दो मुख्य द्धार है। इसके भीतर ही... more »

गुजरात में हैं दो द्वारिका

गुजरात राज्य के पश्चिमी सिरे पर समुद्र के किनारे स्थित बेट द्वारिका पुरी, सात पवित्र पुरियों में से एक है। जबकि दूसरी गोमती द्वारकाधीश चार धामों में से एक है। बेट द्वारिका के लिए समुद्र... more »


कैसे पहुंचे द्वारकाधीश मंदिर

वायु मार्ग द्वारका का निकटतम घरेलू हवाई अड्डा जामनगर में स्थित है जो लगभग 137 किमी. की दूरी पर स्थित है जहाँ से आप टैक्सी द्वारा द्वारका पहुँच सकते हैं। मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से... more »

द्वारका के दर्शनीय स्थल

गोमती संगम घाट द्वारकाधीश मंदिर के दक्षिण में गोमती धारा पर चक्रतीर्थ घाट है। उससे कुछ ही दूरी पर अरब सागर है जहाँ समुद्रनारायण मंदिर स्थित है। इसके समीप ही पंचतीर्थ है। वहाँ पाँच कुओं के जल से स्नान... more »

द्वारका के समीप दर्शनीय स्थल

कच्छ - गुजरात यात्रा कच्छ जिले के बिना अधूरी मानी जाती हैं। पर्यटकों को लुभाने के लिए यहाँ बहुत कुछ हैं। जिले का मुख्यालय हैं  भुज । 45 ,652  वर्गकिलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले गुजरात... more »


द्वारकाधिश मंदिर में दर्शनों का समय

द्वारकाधिश मंदिर खुलने बंद होने का समय : सुबह 6:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक, शाम 5:00 बजे से रात 9:30 बजे तक मंदिर खुले रहने के साथ-साथ विभिन्न भोग और श्रृंगार के चलते मुख्य... more »

द्वारका का मौसम

गर्मी का मौसम द्वारका में गर्मी का मौसम मार्च से शुरू होता है और जून तक रहता है। यह मौसम एक समशीतोष्ण जलवायु के साथ बहुत गर्म है और इस क्षेत्र में तापमान 23 डिग्री... more »

द्वारका धाम का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि 5000 वर्ष पहले, द्वारका श्री कृष्ण की नगरी थी, जिसे भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था, पहले तो मथुरा ही भगवान श्री कृष्ण की राजधानी थी। पर मथुरा छोड़ने के बाद उन्होंने... more »


कैसे डूबी द्वारका सागर में

महाभारत युद्ध के बाद जब छत्तीसवां वर्ष आरंभ हुआ तो एक दिन महर्षि विश्वामित्र, कण्व, देवर्षि नारद आदि द्वारका गए। वहां यादव कुल के कुछ नवयुवकों ने उनके साथ परिहास (मजाक) करने का सोचा। वे... more »

पौराणिक द्वारका नगरी के ऊपर वैज्ञानिक खोज

मथुरा से निकलकर भगवान कृष्ण ने द्वारिका क्षेत्र में ही पहले से स्थापित खंडहर हो चुके नगर क्षेत्र में एक नए नगर की स्थापना की थी। कहना चाहिए कि भगवान कृष्ण ने अपने पूर्वजों की... more »

सोमनाथ मंदिर

सोमनाथ मंदिर गुजरात में स्थित हे और भारत के बहुत प्राचीन मंदिरों में से एक है । सोमनाथ मंदिर वेरावल के निकट प्रभास क्षेत्र में जूनागढ़ से लगभग 79 किलोमीटर दूर स्थित है और भारत... more »


बेट द्वारका

द्वारका के मुख्य शहर से लगभग 30 किमी के आसपास स्थित एक द्वीप है। इस द्वीप को बेट शंखोधर के नाम से भी जाना जाता है, और यह एक समृद्ध बंदरगाह है। यह सफेद रेत,... more »

चौरासी धुना

भेंट द्वारका टापू में भगवान द्वारकाधीश के मंदिर से ७ कि॰मी॰ की दूरी पर चौरासी धुना नामक एक प्राचीन एवं एतिहासिक तीर्थ स्थल है। उदासीन संप्रदाय के सुप्रसिद्ध संत और प्रख्यात इतिहास लेखक, निर्वाण थडा तीर्थ, श्री पंचयाती अखाडा... more »