मुख्य शहरों भुवनेश्वर और पुरी में खरीदारी की जा सकती है। सरकारी एम्पोरियम पूरे राज्य में है। वहीं निजी दुकानें भी कहीं भी दिख जाएंगी। सड़क किनारे खड़ी कई दुकानों में स्थानीय लोगों ने आपके लिए खरीदारी के कई सामान जुटाए हैं। ओडिशा में खरीदारी करना है तो उसमें हस्तशिल्प और हैंडलूम को जरूर शामिल करें।
आप समुद्री तटों पर यात्रा करेंगे तो वहां सीपों की पारंपरिक कलाकृतियां आपका ध्यान खींचेंगी। आदिवासी इलाकों में, खरीदारी के लिए धातु की कलाकृतियां सबसे महत्वपूर्ण वस्तुएं हैं।
मंदिर तक जाने वाली सड़क काफी चौड़ी है जिस पर हर समय भारी भीड़ लगी रहती है। इस सड़क पर स्थित बाजार में सूखे भात का प्रसाद तो मिलता ही है, साथ ही सैलानी यहां से बेंत की लकड़ी, भोजपत्र, शंख, सीपी की बनी सुंदर सजावटी वस्तुएं और टसर के कपड़े और संबलपुरी साडिय़ां भी खरीदते हैं। वैसे मंदिर के आसपास की दुकानों पर शंख सहित अन्य समुद्री उत्पाद तथा भगवान जगन्नाथ जी के दारू (लकड़ी) के स्वरूप विशेष रूप से मिलते हैं लेकिन दाम में मोलभाव की बहुत गुंजाइश रहती है। मंदिर के समीप स्थित
आनंद बाजार: यह बाज़ार विश्व की सबसे बड़ी फूड-मार्किट है और भोजन पसंद करने वाला प्रत्येक व्यक्ति यहां आना पसंद करता है।
मंदिर मे दर्शन के लिए महिलाओं के लिए कोइ र्डेस कोड है क्या ?
मुझे पुरी के शंख के बारे मे जानकारी चाहिये। असली शंख कहा मिल सकता है