ओडिशा का श्री जगन्नाथ मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित हिन्दुओं के चार धामों में से एक है। ओडिशा की धार्मिक नगरी, पुरी को हिन्दू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। सप्त पुरियों में से... more »
ओडिशा, हवाई, रेल और सड़क, तीनों मार्ग से जुड़ा है। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से जगन्नाथपुरी 60 कि.मी. दूर है। हवाई मार्ग : भुवनेश्वर, निकटतम हवाई अड्डा है यह भारत के सभी राज्यों से जुड़ा... more »
एक जगह जूते जमा करवाने के बाद आगे बढ़ते है। जगन्नाथ जी के दर्शन करने हेतु सर्वप्रथम श्रद्धालुओं को मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश कर यहां स्थित भोगमण्डल-गणेशजी-वटवृक्ष –नृसिंहजी-रोहिनीकुंड एवं लक्ष्मीजी की परिक्रमा करनी... more »
गर्मी-आमतौर पर गर्मियों का मौसम गर्म होता है और तापमान 27 से लेकर 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। मार्च, अप्रैल और मई के महीने गर्मियों के महीने हैं। मार्च में मौसम सुखद रहता... more »
पुरी का प्राचीन नाम धर्मशास्त्रों में इसे जगन्नाथपुरी के अतिरिक्त शाक क्षेत्र, शंखक्षेत्र, श्रीक्षेत्र, पुरुषोत्तम क्षेत्र, नीलांचल, और नीलगिरि, भी कहा जाता है।यहां देश की समृद्ध बंदरगाहें थीं और इसे प्राचीनकाल में उत्कल प्रदेश के नाम... more »
श्री जगन्नाथ मंदिर सागर से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर नीलगिरि पर्वत पर स्थित है। मंदिर चारों ओर से एक चौड़ी 20 फुट ऊंची से घिरा हुआ है। मुख्य मंदिर के आसपास लगभग 30 छोटे-बड़े मंदिर... more »
आनंदा बाज़ार में मंदिर की रसोई में भगवान के महाभोग के लिए महाप्रसाद को लकड़ी के चूल्हे पर मिट्टी के बर्तन में 40 से 50 क्विंटल चावल और 20 क्विंटल दाल व सब्जियों समेत तैयार... more »
कपालमोचन स्थल जगन्नाथ मंदिर के दक्षिण पश्चिम में है। अमरनाथ मंदिर सिंह द्वारके सम्मुख स्थित हैं। श्री राधाकान्त मठ जिसे गंभीरनाथ भी कहते हैं ,स्वर्गद्वार से समुद्रतट की ओर जाते समय दिखलायी देता है। इसी मार्ग... more »
स्नान के पश्चात् ही तीर्थ यात्रा पूर्ण मानी जाती है। हिन्दू धर्म की मान्यतानुसार जगन्नाथ के दर्शन करने और पञ्च तीर्थों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। 1. मार्कण्डेय कुंड, तीर्थयात्रा का... more »
1. मन्दिर में मोबाइल अन्दर नहीं ले जाने दिया जाता है। 2. मंदिर में केवल हिन्दुओं को ही प्रवेश की अनुमति दी जाती है। गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है। सामान्य पर्यटक का भी प्रवेश... more »
जगन्नाथ धाम का मुख्य आकर्षण भगवान जगन्नाथजी की रथयात्रा है हर वर्ष आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को होने वाली विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा में भाग लेने के लिए देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु भक्त पुरी पहुंचते हैं। रथयात्रा... more »
नीम की लकड़ी से बना इनका विग्रह अपने आप में अद्भुत है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह एक खोल मात्र है। इसके अंदर स्वयं भगवान श्री कृष्ण मौजूद होते हैं। श्री जगन्नाथ... more »
आस्था के अलावा सैलानी बागों, वनों, झीलों और सागर के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने भी आते हैं। स्टेट संग्रहालय, ट्राइबल रिसर्च संग्रहालय तथा हैंडीक्राफ्ट हाउस। पुरी के पास स्थित रिसोर्ट पर्यटकों के लिए एक आकर्षषण का... more »
यहां पर अनेकों मठ एवं धर्मशालाएं बनवायी गई हैं जहाँ दर्शनार्थी के विश्राम एवं भोजन आदि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। दुधवइ वालंकी धर्मशाला मंदिर के मुख्य मार्ग पर है और यहां के अन्य धर्मशालाओं... more »
मुख्य शहरों भुवनेश्वर और पुरी में खरीदारी की जा सकती है। सरकारी एम्पोरियम पूरे राज्य में है। वहीं निजी दुकानें भी कहीं भी दिख जाएंगी। सड़क किनारे खड़ी कई दुकानों में स्थानीय लोगों ने आपके... more »
बैसाख अक्षय तृतीया के दिन से शुरू होने वाले इस चंदन लेप की परंपरा ने हाल ही के कुछ वर्षों में चंदन यात्रा उत्सव' का रूप ले लिया हैं।,इस दिन विश्व भर में भगवान श्रीकृष्ण को चंदन लेप लगाया... more »
उड़ीसा प्रान्त के प्रसिद्ध शहर पुरी के नजदीक बने साक्षी गोपाल मन्दिर यह मन्दिर उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से लगभग 50 किलोमीटर तथा जगन्नाथ पुरी से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मन्दिर... more »