धाम यात्रा

गंगोत्री में भ्रमण करने योग्य स्थान

Mukhba Village - Winter Abode of Maa Ganga

Mukhba Village - Winter Abode of Maa Ganga

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उत्तराखंड में गंगोत्री के पास महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल

गंगोत्री धाम के पास कई तीर्थ और पर्यटन स्थल हैं, उनमें से कुछ, ऊँचाई पर स्थित झीलें और ट्रैकिंग स्थल भी हैं। निम्नलिखित गंगोत्री में स्थित महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों की सूची है, जो तीर्थयात्री चारधाम यात्रा या गंगोत्री यात्रा के दौरान देख सकते हैं।

गंगोत्री के पास घूमने योग्य प्रमुख पर्यटन स्थल

  • मनेरी: गंगोत्री से 92 किमी की दूरी पर स्थित, यह हाल ही में भागीरथी नदी के पार एक बांध के निर्माण के परिणामस्वरूप पर्यटकों की रुचि के एक स्थान के रूप में उभरा है, जहां से उत्तरकाशी के तिलोथ में 8 किमी लंबी सुरंग के माध्यम से पानी टर्बाइनों तक पहुँचता है। मनेरी में बाँध से बनी झील ने इस जगह के आकर्षण को निखारा है ।
  • केदार ताल: सर्द पानी की अनुभूति देने वाली एक क्रिस्टल की तरह स्पष्ट और पारदर्शी झील, केदार ताल भगवान की एक शानदार रचना है। केदार ताल के लिए ट्रेक को एक स्थानीय गाइड के निर्देशन से पूरा किया जा सकता है और यह कमजोर लोगो के लिए नहीं है। बिना किसी आधुनिक सुविधाओं के रास्ते में चलना और गंगोत्री से केदार ताल तक 18 किलोमीटर के ट्रेक  को पूरा करना बहुत ही मुस्किल काम है |  
  • हर्षिल: उत्तरकाशी राजमार्ग पर स्थित हर्षिल एक बहुत ही खूबसूरत और सुरम्य गांव है। 2623 मीटर की ऊंचाई पर और उत्तरकाशी से 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह गाँव प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शानदार आकर्षण का केंद्र है। इस गाँव की खासियत यहाँ फैले सेब के बागन है जिनकी खूबसूरती देखते ही बनती है |
  • डोडीताल: यह उत्तरकाशी जिले में 3024 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मीठे पानी की झील है। लोकप्रिय किंवदंतियों में से एक के अनुसार भगवान गणेश ने इस स्थान को अपने निवास स्थान के रूप में चुना था।
  • गंगनानी: गंगनानी एक छोटा शहर है जो गंगोत्री के रास्ते पर स्थित है। यह आध्यात्मिक और ध्यान के लिए एक आदर्श गंतव्य है। यह मनेरी से सिर्फ 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो गंगोत्री तक जाती है। गंगनानी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जहाँ से गंगोत्री के आसपास की प्रसिद्ध पर्वत चोटियों और थर्मल जलप्रपात का आनंद लिया जा सकता है |
  • नंदनवन तपोवन: गंगोत्री ग्लेशियर के साथ एक कठिन ट्रेक के माध्यम से नंदनवन तक पहुंचा जा सकता है । यह भागीरथी चोटियों के लिए आधार शिविर भी है, और आसपास के शिवालिक शिखर का एक उत्कृष्ट दृश्य प्रस्तुत करता है। यह तपोवन की ओर भी जाता है जो अपने सुन्दर घास के मैदानों के लिए भी जाना जाता है जो शिवालिक चोटियों के आधार को घेरे हुए है |  
  • उत्तरकाशी: उत्तरकाशी एक बहुत ही महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, और समुद्र तल से 1,150 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह भागीरथी नदी के तट पर स्थित है। यहाँ स्थित कुछ महत्वपूर्ण मंदिर हैं, विश्वनाथ मंदिर, एकादश रुद्र मंदिर, ज्ञानेश्वर मंदिर और कुटेटी देवी मंदिर। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान भी यहाँ से काफी नजदीक है । भागीरथी नदी में पवित्र डुबकी लगाने के लिए हर साल लोग उत्तरकाशी आते हैं |
  • दयारा बुग्याल: समुद्र तल से 3,048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, दयारा बुग्याल एक खूबसूरत मैदानी क्षेत्र है। एक सड़क भटवारी गाँव को रैथल गाँव से जोड़ती है। इस गांव से, दयारा बुग्याल लगभग 6 किमी दूर एक लंबा ट्रेक है । यहां स्थित शेषनाग मंदिर भी एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर दयारा बुग्याल के रस्ते में पड़ता है । दयारा से, डोडी ताल की ओर भी जाया जा सकता है । दयारा बुग्याल में सर्दियों के दौरान लगभग 28 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र स्की ढलानों में आ जाता है |
  • नचिकेता ताल: हरे भरे जंगलों के माध्यम से एक सुंदर ट्रेक नचिकेता ताल तक जाता है। इस स्थान में मुख्य आकर्षण यहाँ का शांत एवं सुन्दर परिवेश और छोटे मंदिर एवं झील हैं |
  • टिहरी: टिहरी गढ़वाल रियासत की पूर्व राजधानी भी पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। टिहरी में एक विशाल जल विद्युत परियोजना भी है – टिहरी परियोजना।
  • नरेन्द्रनगर: टिहरी राज्य की वर्तमान राजधानी, नरेन्द्रनगर, ऋषिकेश की गंगा घाटी और हरिद्वार के मैदानी इलाकों के सबसे सुखद दृश्य प्रस्तुत करता है।

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