अगर आप चारधाम यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे हैं तो कुछ बताओं का ध्यान रखकर अपनी यात्रा और भी मंगलमय बना सकते हैं |
चारधाम यात्रा में हिमालय की गोद में बसे हुए तीर्थ स्थलों के दर्शनों के लिए लाखों श्रद्धालु हर वर्ष उत्तराखंड आते हैं | चारधाम यात्रा का क्रम यमुनोत्री से शुरू होता है और गंगोत्री , केदारनाथ होते हुए बद्रीनाथ में ख़तम होता है | यात्रा में श्रद्धालु प्रकृति की सुंदरता भी देखते रहते हैं |
चारधाम यात्रा मार्ग पहाड़ों से होकर जाता है | गंगोत्री और बद्रीनाथ धाम सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है | केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में सड़क मार्ग के अतिरिक्त 18 किमी व 6 किमी पैदल चलना पड़ता है | केदारनाथ में हेलीकाप्टर सेवा भी है |
चारधाम यात्रा पर जाने से पहले यात्रियों को कुछ तैयारी जरूर करनी चाहिए जिससे उन्हें पहाड़ी सडकों में यात्रा करने , नदी झरनों को पार करने, ऊंचाई में चलना, पहाड़ी रस्ते और काम तापमान आदि में ज्यादा दिक्कत नहीं आये |
सबसे पहले ये जानें के चारधाम यात्रा शुरू कब होती है | यात्राकाल अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर रहता है | सबसे ज्यादा यात्री मई-जून और सितम्बर-अक्टूबर में आते हैं | यही चारधाम यात्रा का सबसे सही समय होता है | बरसात के महीनों में पहाड़ों के टूटने और ज्यादा बारिश से यात्रा सुविधाजनक नहीं होती |
चारधाम यात्रा में सबसे सुविधाजनक तरीका किसी सही टूर ऑपरेटर के द्वारा पैकेज लेकर जाना है | बड़ी संख्या में यात्रियों के आने से होटल आदि में जगह नहीं मिल पाती | इस समस्या से बचने के लिए किसी सही टूर ऑपरेटर से पैकेज लेना ही सुविधाजनक है |
चारधाम यात्रा सड़क और पैदल यात्रा से भरी पड़ी है | इसके लिए यात्री को हिष्ट पुष्ट होना चाहिए और रोगियों को यात्रा में जाने से बचना ही चाइये | यात्रा में जाने से पहले अपना सही से मेडिकल जांच करवा लेनी चाहिए | खास कर के बुजुर्गों को अपनी जांच करवानी चाइये जिससे उन्हें यात्रा में दिक्कत न हो |
चार धाम यात्रा कब शुरू होगी