धाम यात्रा

चारधाम यात्रा से जुड़े प्रश्न

हर वर्ष चारधाम यात्रा अप्रैल – मई से शुरू होती है और अक्टूबर – नवंबर में चरों धामों के कपाट बंद होते ही सभी मंदिरों को बंद कर दिया जाता हैं | चारों धाम शीतकाल में 6 महीनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं |
हिन्दू धर्म में चारधाम यात्रा का विशेष महत्व है | मान्यता के अनुसार चारधाम यात्रा करने पर मनुष्य जनम – मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है |

बजट चारधाम पैकेज

बद्रीनाथ धाम में दर्शनों का समय सुबह 9 से 12 बजे तक शाम 3 से रात 9 बजे तक |
60 वर्ष के ऊपर वृद्ध आराम से यात्रा कर सकते हैं अगर वो शारीरिक स्वस्थ हैं | चारधाम यात्रा अब बहुत ही सरल और सुगम हो गयी है | यमुनोत्री और केदारनाथ में पैदल यात्रा है मगर वहां घोड़े, पालकी और हेलीकाप्टर की सुविधा उपलब्ध है | ज्यादा वृद्ध यात्री कृपया पहले डॉक्टरी सलाह अवश्य लें |
चारधाम यात्रा की शुरुआत दिल्ली या हरिद्वार से होती है | सबसे पहले यात्रा में यमुनोत्री धाम के दर्शन करने चाहिए | उसके बाद गंगोत्री और केदारनाथ धाम | अंत में बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने चाहिए |
चारधाम ऊँचे हिमालय में स्थित और मौसम दिन में गरम और रात में ठंडा रहता है | यात्रा में गरम कपड़े अवश्य लेकर जाना चाहिए | बरसात से बचने के लिए बरसाती अपने साथ जरूर रखें | साथ में अपने दिन की जरुरी सामान रखें जैसे दवाइयां, क्रीम, आदि |
आप दोनों में से किसी से भी बुकिंग करवा सकते हैं बशर्ते वो विश्वास योग्य और सस्ता हो | यात्रा मार्ग में बहुत सारे अच्छे होटल हैं जहाँ आप यात्रा क दौरान आराम से रुक सकते हो | आप सीधा दिल्ली से भी टैक्सी यात्रा लेकर आ सकते हैं | यात्राकाल के दौरान भीड़ होने के कारन अपनी बुकिंग पहले करवा लें |
चारधाम यात्रा में व्यक्ति की सुविधा अनुसार खर्च होता है | अगर आप बजट में करते हो यात्रा तो 10 से 15 हजार प्रति व्यक्ति खर्चा आता है | अगर अधिक सुविधा और आराम से यात्रा करोगे तो 20 से 30 हजार प्रतिव्यक्ति खर्चा आएगा |

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