केदारनाथ भारत के उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित पवित्र शहर और उत्तराखंड के चार धामों में से एक है। केदारनाथ, केदारनाथ घाटी में 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। मंदाकिनी नदी के पास गढ़वाल हिमालय श्रृंखला पर स्थित, केदारनाथ भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है।
केदारनाथ उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है | केदारनाथ, रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है | यह ऋषिकेश से लगभग 223 किमी और दिल्ली से 458 किमी दूर है |
गूगल मैप पर केदारनाथ धाम के निर्देशांक: 30.735491,79.067059
दिल्ली से केदारनाथ (सड़क मार्ग द्वारा): दिल्ली से लगभग हर आधे घंटे में हरिद्वार के लिए बसें जाती हैं। सड़क मार्ग से केदारनाथ पहुँचने में लगभग 8 घंटे लगते हैं। इसके अलावा आप ट्रेन से हरिद्वार तक जा सकते हैं, इसमें 4-6 घंटे लगेंगे। हरिद्वार से आप सीधे केदारनाथ जा सकते हैं लेकिन आपको कम से कम एक दिन वहाँ रुकना पड़ सकता है । यदि आप 5-6 व्यक्तियों का समूह के रूप में यात्रा रहे है तो आप एक जीप किराए पर लेने के बारे में सोच सकते हैं। जीप से आप 9-10 घंटे में गौरीकुंड पहुंच सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि ऋषिकेश से गौरीकुंड तक रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक यात्रा मार्ग बंद रहते है |
हरिद्वार से केदारनाथ (सड़क मार्ग से): हरिद्वार से प्रतिदिन सुबह गौरीकुंड के लिए बस सेवा शुरू हो जाती है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन के सामने GMOA (गढ़वाल मंडल ओनर्स एसोसिएशन) के कार्यालय से बस की एडवांस बुकिंग की जा सकती है। भूस्खलन जैसी स्थिति न होने पर गौरीकुंड तक पहुंचने में लगभग एक पूरा दिन लगता है। बस से यात्रा करने पर आनंद की प्राप्ति होती है क्योंकि यात्रा के दौरान आपको नदियाँ, हरे-भरे पहाड़ देखने को मिलेगे जो की मन को तृप्त आनंद की अनुभूति देते है |
उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों से संचालित होने वाली हेलीकाप्टर सेवाओं के माध्यम से केदारनाथ बहुत आसानी से पहुंचा जा सकता है। कुछ प्रमुख स्थान जहाँ से आप केदारनाथ के लिए हेलीकाप्टर सेवा प्राप्त कर सकते हैं: देहरादून, गुप्तकाशी, सिरसी और फाटा हैं।
यदि आप अपने निजी वाहन से यात्रा करने का विचार बना रहे है तो यह सुनिश्चित कर ले कि वहां का “ग्राउंड क्लीयरेंस” (Ground Clearance) हो क्यूंकि पूरे यात्रा के दौरान सड़क मार्ग में चट्टानें हैं जिससे की वाहन को नुकसान हो सकता है । गौरीकुंड से ठीक पहले दो पार्किंग स्थल हैं (गौरीकुंड से 100 मीटर और 500 मीटर पहले )। निजी वाहनों के लिए जगह मिलना कठिन है, लेकिन कार्यवाहकों से विनम्र निवेदन करने के बाद प्रबंध किया जा सकता है।
गौरीकुंड से महज 5 किमी नीचे सोनप्रयाग में गौरीकुंड तक केवल एक दिशा में वाहनों को ले जाने के लिए फाटक (फाटक) है। इसका उपयोग यात्रा के दौरान ट्रैफिक जैम से निपटने के लिए जाता है लेकिन इस से यात्रा में अतिरिक्त 1-1.5 घंटे का समय लग जाता है । यात्रियों को यह सलाह दी जाती है कि सोनप्रयाग में अपना वाहन पार्क करें और गौरीकुंड तक सार्वजनिक परिवाहन से सफ़र करे |
गौरीकुंड से एक पक्के रास्ते के माध्यम से ही केदारनाथ तक पंहुचा जा सकता है | यहाँ पर घोड़ो, डंडी, पोनी की व्यवस्था भी है जो की किराये पर उपलब्ध होते है | गौरीकुंड ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून और गढ़वाल के अन्य महत्वपूर्ण हिल स्टेशनों और उत्तरांचल में कुमाऊँ क्षेत्रों से सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है। । घोड़ों, डंडी और पोनी के लिए ऑनलाइन बुकिंग नहीं रखी गयी है, इनकी दरें सरकार द्वारा तय की जाती है । आप वहां पहुंचकर ही इनकी बुकिंग कर सकते है |
यात्रा मार्ग 1: ऋषिकेश से केदारनाथ (223 किमी)
ऋषिकेश → देवप्रयाग (70 किलोमीटर) → श्रीनगर (35 किलोमीटर) → रुद्रप्रयाग (34 किलोमीटर) → तिलवाड़ा (9 किलोमीटर) → अगस्त्यमुनि (10 किलोमीटर) → कुंड (15 किलोमीटर) → गुप्तकाशी (5 किलोमीटर) → फाटा (11 किलोमीटर) → रामपुर (9 किलोमीटर) → सोनप्रयाग (3 किलोमीटर) → गौरीकुंड (5 किलोमीटर) → रामबारा (7 किलोमीटर) → लिनचौली (4 किलोमीटर) → केदारनाथ (3 किलोमीटर)।
रुद्रप्रयाग से केदारनाथ के लिए बस कब तक मिल सकती ह समय कितना लगता ह वहा तक पहुच ने में
हेलीकाप्टर सेवा के लिए फाटा कैसे पहुचा जा सकता है
Mera 6 saal ka child hai kya hum use apne sath le ja sakte hai. Waise 2 saal pehle wo Mata Vaishno Devi ki yatra paidal marg se kiya tha.
1 क्या महाराष्ट्र के गोंदिया,नागपुर से सीधी ट्रेन सेवा केदारनाथ के लिए है..
2 इस यात्रा में पैदल कितना चलना पड़ता है,
3 केदारनाथ किस मौसम में जाना उचित रहेगा,,
जय महाकाल
इंदौर से कैसे पहुच सकते है और 5 साल का बच्चा भी साथ है क्या गर्म कपड़े साथ लाना है और कौन सा समय सही होगा वह आने का ओर कोनसा पैकेज तक रहेगा