चारधाम यात्रा का हिन्दू धर्म में बहुत बड़ा महत्व है | चारधाम यात्रा को एक धार्मिक यात्रा माना गया जिसमे हिन्दू धर्म के अनुयायी उत्तराखंड में बसे हुए चार तीर्थ स्थानों में दर्शनों हेतु जाते हैं | इन सभी धामों में हर साल चारधाम यात्रा केवल गर्मियों के महीनों में होती और शीतकाल में यहाँ सभी धामों के कपाट बंद रहते हैं | विश्व भर से लाखों श्रद्धालु चारों धामों के दर्शनों के लिए आते हैं |
हिन्दू धर्म में चार धाम का विशेष महत्व है | इन चारों धामों को बहुत ही पवित्र और मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है | ऐसी मान्यता है के जो हिन्दू इन चारधाम की यात्रा करता है वह जीवन-मृत्यु के बंधन से छुट जाता है और उसे अंत में मुक्ति प्राप्त होती है |
चारों धामों को पवित्र बताया गया है | बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु का पवित्र धाम है | यहाँ इन्हें बद्री विशाल भी कहा जाता है | ऐसी मान्यता है के यहीं भगवान विष्णु ने नर-नारायण रूप में तपस्या की थी | केदारनाथ धाम भगवान शिव की भूमि है और यह पंचकेदारों में से एक है | गंगोत्री व यमुनोत्री धाम पवित्र और जीवनदायिनी गंगा व यमुना नदी के उदगम स्थल हैं |
अभी हर वर्ष चलने वाली चारधाम यात्रा कब और कैसे शुरू हुई ? चारधाम यात्रा की शुरुआत 8 – 9 वीं सदी में आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा बद्रीनाथ की खोज से बताई जाती है | इससे पहले भी यह एक धार्मिक स्थान था और श्रद्धालु यहाँ आते थे | परन्तु आदिगुरु शंकराचार्य की धर्म प्रसार यात्रा के दौरान बद्रीनाथ और अन्य धामों का बहुत अच्छा रूपांतरण हुआ और हर जगह सुन्दर मंदिरों का निर्माण हुआ | मंदिरों में दूर दूर से श्रद्धालु दर्शन करने पहुँचते तो थे पर इनकी संख्या काफी काम थी | भारत की आज़ादी के बाद धार्मिक पर्यटन बढ़ा और श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी | बाद में परिवहन व्यवस्था में सुधार और सुविधाओं में विस्तार से श्रद्धालुओं की संख्या आज लाखों में है |
पूर्ण चार धाम यात्रा कोन सी है
Kiya July me char dham Yatra kar sakte hai