धाम यात्रा

यमुनोत्री मंदिर

Yamunotri Temple

Yamunotri Temple

यमुनोत्री धाम एक पवित्र धाम है और उत्तराखंड के चारों धामों में सबसे पहले श्रद्धालु यमुनोत्री धाम करके ही यात्रा की शुरुवात करते हैं | यमुनोत्री पावन यमुना नदी का उदगम स्थल है | समुद्रतल से 3235 मीटर की ऊंचाई पर स्थित देवी यमुना के मंदिर के दर्शन करने यात्राकाल के दौरान लाखों श्रद्धालु यमुनोत्री आते हैं |

यमुनोत्री नदी का वास्तविक उदगम स्थल मंदिर से 5 किमी ऊपर कालिंद पर्वत में स्थित चंपासर हिमनद है जहाँ पहुंचना अत्यंत कठिन है | वर्तमान मंदिर 19 वीं सदी में जयपुर की महारानी गुलेरिया ने करवाया था |

यमुनोत्री धाम का महत्व

हिन्दू धर्म ग्रंथों में देवी यमुना को भगवान सूर्य की पुत्री और मृत्यु के देवता यम की बहन बताया गया है | ऐसी मान्यता है के जो श्रद्धालु यमुना में स्नान करते हैं उन्हें मृत्यु के समय यम पीड़ित नहीं करते और वे मोक्ष को प्राप्त होते हैं |

Chardham Packages

यमुनोत्री की कथा

यमुनोत्री धाम से पवित्र यमुना नदी बहती है | पुराणों के अनुसार यहाँ असित मुनि का आश्रम था और उन्होंने तप करके गंगा की एक धारा यमुनोत्री में भी प्रगट कर दी थी | देवी यमुना को देवी गंगा की बहन भी माना जाता है |

यमुनोत्री धाम खुलने और बंद होने का समय

यमुनोत्री धाम अक्षय तृतीय के दिन खुलता है और भाई दूज के दिन इसके कपाट बंद कर दिए जाते हैं | अप्रैल से अक्टूबर तक यात्रा काल का समय होता है | शीतकाल में निकट के खरसाली गाँव में देवी यमुना की पूजा अर्चना होती है |


अगर आप कोई प्रश्न है तो ये पोस्ट करें!

यदि आपके कोई प्रश्न हैं, तो आप अपनी टिप्पणी कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हमारी टीम आपको जवाब / समाधान प्रदान करने का प्रयास करेगी

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments