पौराणिक कथा के अनुसार, यमुनोत्री धाम में ऋषि असित मुनी का आश्रम था | अपनी साडी जिंदगी उन्होंने माँ गंगा और यमुना नदियों में रोजाना स्नान किया | अपने वृधावस्था के दौरान वह गंगोत्री जाने में असमर्थ हुए तो उन्हें यमुनोत्री के सामने गंगा की एक धारा दिखाई दी |
सूर्य देवता और चेतना की पुत्री, संज्ञा, यमुना का जन्मस्थान बन्दरपूँछ पर्वत के नीचे चंपासार ग्लेशियर (4,421 मीटर) है। नदी के स्रोत के नजदीक पहाड़ी का नाम सूर्य देव को समर्पित है, जिसका नाम कालिंद पर्वत है| कालिंद भगवान सूर्य का दूसरा नाम है।
यमुना अपनी निराशा के लिए जानी जाती है, एक विशेषता जो उसने विकसित की थी, क्योंकि एक आम कहानी के अनुसार, यमुना की मां ने अपने पति की आँखों से आँखे नहीं मिलायी थी |
Sir sari kahani vistrit roop se btayen janm se leker abi tk unse judi sari story