यमुनोत्री नदी का वास्तविक उदगम स्थल मंदिर से 5 किमी ऊपर कालिंद पर्वत में स्थित चंपासर हिमनद है जहाँ पहुंचना अत्यंत कठिन है | वर्तमान मंदिर 19 वीं सदी में जयपुर की महारानी गुलेरिया ने... more »
सूर्य देवता और चेतना की पुत्री, संज्ञा, यमुना का जन्मस्थान बन्दरपूँछ पर्वत के नीचे चंपासार ग्लेशियर (4,421 मीटर) है। नदी के स्रोत के नजदीक पहाड़ी का नाम सूर्य देव को समर्पित है, जिसका नाम कालिंद... more »
सर्दियों में यमनोत्री धाम सर्दियों में पवित्र मंत्रोचारण के साथ भाई दूज के दिन यमुनोत्री धाम के कपाट आम जनता के लिए बंद कर दिए जाते है | यह सर्दियों के मौसम के लिए उत्तराखंड... more »
यमुनोत्री धाम के मौसम का पूर्वानुमान ग्रीष्मकाल में यमुनोत्री का मौसम यमुनोत्री में ग्रीष्म ऋतु ठंडी होती है और मई और जून के महीनों में अत्यधिक बारिश होती है | यमुनोत्री मंदिर के कपाट ग्रीष्मकाल... more »
यमुनोत्री धाम की स्थिति यमुनोत्री मंदिर हनुमानचट्टी से 13 किलोमीटर और जानकी चट्टी से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यमुनोत्री मंदिर तक पहुंचने के लिए किराए पर पोनी, घोड़े या पालकी उपलब्ध रहते... more »
यमुनोत्री मंदिर: यमुनोत्री में मुख्य आकर्षण देवी यमुना को समर्पित मंदिर और जानकीचट्टी से लगभग 7 किमी दूर पवित्र थर्मल सल्फर स्प्रिंग्स हैं। हनुमान चट्टी से लेकर यमुनोत्री तक की छटा बहुत ही मनमोहक है।सप्तऋषि... more »
इतिहास यमुनोत्री धाम के कपाट कब खुलते और बंद होते हैं ? यमुनोत्री धाम हर साल अप्रैल-मई के महीने में अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर तीर्थयात्रियों के लिए खुलता है। भाई दूज पर दीवाली... more »