आस्था के अलावा सैलानी बागों, वनों, झीलों और सागर के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने भी आते हैं। स्टेट संग्रहालय, ट्राइबल रिसर्च संग्रहालय तथा हैंडीक्राफ्ट हाउस। पुरी के पास स्थित रिसोर्ट पर्यटकों के लिए एक आकर्षषण का केन्द्र बन गया है। रिसोर्ट तथा होटलों में रहकर आप समुद्र का नज़ारा देख सकते हैं तथा लुभावने मौसम का आनंद उठाने के साथ-साथ पर्यटक तैर भी सकते हैं। पुरी का विश्व प्रसिद्ध समुद्र तट जगन्नाथ मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। पुरी का गरजता समुद्र तट बहुत ही आकर्षक है। सैलानी इस गोल्डन बीच का आनंद जरूर लेते हैं। शाम को सूर्यास्त का अद्भुत नजारा भी यहां से देखा जा सकता है। गुलाबी आकाश में नीचे उतरता लाल गोला एकाएक जल में समा जाते देखना सैलानियों को खूब भाता है। सुबह का सूर्योदय का दृश्य भी देखते ही बनता है। समुद्र तट पर तमाम होटल और रेस्तरां हैं।
सफेद बालू का मैदान खेलकूद और आराम करने का अच्छा स्थान है। पुरी से लगभग आठ किलोमीटर दूर है। पास ही कवि और देशभक्त गोपबंधु का स्मारक है। यहां से 25 किलोमीटर दूर अमरनाथ और बलिहर की मूर्तियां हैं।
बालीघई बीच पुरी से 8 कि॰मी॰ दूर नुआनई नदी के मुहाने पर बालीघई बीच, एक प्रसिद्ध पिकनिक-स्पॉट है, यह चारों ओर कॉसरीना पेड़ों से घिरा है।
चिलका झील भी आप देखने जा सकते हैं।1,000 वर्ग मील में फैली झील की लंबाई 70 किमी है, जबकि इसकी चौड़ाई 15 किलोमीटर। यह भारत की सबसे बड़ी झील है, जो पुरी के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। पिकनिक और मछली पकडऩे के शौकीन सैलानी यहां अवश्य आते हैं। इसे ब्रेकफास्ट आइसलैंड तथा हनीमून आइसलैंड भी कहा जाता है। चिलका झील के मुख्य आकर्षण में से एक है, यहां सर्दियों में आने वाले प्रवासी पक्षी। प्रवासी पक्षियों में ज्यादातर साइबेरिया के होते हैं। इस दौरान यहां कई प्रजातियों के पक्षी देखने को मिल जाते हैं। चिलका झील प्रवासी पक्षियों की करीब 170 प्रजातियों का घर है। यहां आने वाले कुछ पक्षी बहुतायत में पाए जाते हैं। इनमें किंगफिशर, समुद्री चील, ओपन बिल स्टॉर्क, सैंड पाइपर्स, पतंगे, सीटी बजाने वाली टील्स, डार्टर्स और सी गल्स शामिल है।
भीतरकनिका महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्रों में से एक है प्रकृति प्रेमियों को इस जगह जरूर जाना चाहिए। यहां पौधों और वन्य जीवों की एक विस्तृत शृंखला है। यहां बहुतायत में पाए जाने वाले वन्य प्राणियों में मगरमच्छ, अजगर, किंग कोबरा, रेसूस (नकचपटा बंदर), जंगली सुअर, चित्तेदार हिरण और सांभर शामिल हैं। भीतरकनिका में मगरमच्छों का प्रजनन केंद्र भी है। सफेद मगरमच्छों की दुर्लभ प्रजाति शंखुआ, भी यहां पाई जाती है।