हिन्दू और अन्य धर्म में पवित्र ‘धाम’ का अर्थ धार्मिक स्थल होता है | हर धर्म में प्रत्येक धामों को परम स्थान दिया गया है | इसी प्रकार भारत के उत्तराखंड राज्य में चार धाम स्थित हैं – बद्रीनाथ, केदारनाथ , गंगोत्री व् यमुनोत्री | जिन्हें छोटा चार धाम भी कहा जाता है क्यूंकि भारत के प्रमुख चार धाम पूरी, रामेश्वरम , द्वारका और बद्रीनाथ हैं | सबसे ज्यादा लोकप्रिय और अधिक तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम में दर्शनों के लिए पहुँचते हैं |
हिमालय की गोद में बसे चारों धाम अत्यधिक रमणीय और दर्शनीय स्थल हैं | इनकी पवित्रता और लोकप्रियता यहाँ आने वाले यात्रियों की संख्या से लगायी जा सकती है | देश विदेश से हर वर्ष 10 लाख तीर्थयात्री इन चारों धामों के दर्शनों के लिए उत्तराखंड आते हैं |
चारधाम यात्रा प्रत्येक वर्ष अक्षय तृतीया यानि अप्रैल – मई से शुरू होकर दीपावली के बाद यानि अक्टूबर – नवम्बर तक चलती है | ग्ग्रीषम काल में चारों धामों के कपाट तीर्थयात्रियों के लिए बंद हो जाते हैं |
ग्रीषम काल में चारों धामों की उत्सव डोलियों के दर्शन इनके निश्चित मंदिरों में किये जाते हैं | बद्रीनाथ के दर्शन जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में, केदारनाथ के उखीमठ के ओम्कारेश्वर मंदिर में , गंगोत्री के मुख्बा गाँव और यमुनोत्री के दर्शन खरसाली गाँव में कर सकते हैं |
अलकनंदा नदी के तट पर स्थित बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है | मान्यता है की इसी स्थान में नर-नारायण ने तपस्या की थी |
केदारनाथ मंदिर ऊँचे हिमालय में स्थित भगवान शिव का मंदिर हैं | इस मंदिर की महत्वता ये भी है के यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है |
गंगोत्री धाम पापनाशिनी गंगा नदी का उदगम स्थल है | तीर्थयात्री गंगोत्री में माँ गंगा के गंगोत्री मंदिर में दर्शनों के साथ गंगा नदी में नहा कर गंगाजल अपने साथ ले जाते हैं |
यमुना नदी का उदगम स्थल यमुनोत्री है | यमुनोत्री धाम में माँ यमुना मंदिर की पूजा होती है | यानुमोत्री धाम चार धाम यात्रा का पहला पड़ाव है |