धाम यात्रा

शीतकालीन चारधाम

सर्दियों के दौरान भी उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2014 में शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई थी । इन सभी शीतकालीन धामों के कपाट सर्दियों के दौरान श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते है जिस से की चारधाम यात्रा पूरे सालभर चलती रहे |

चारधाम के शीतकालीन गद्दीस्थल के बारे में कुछ जानकारी

सर्दियों के मौसम में चारधामो – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के देवताओं को छः माह के लिए खरसाली, मुखवा, ऊखीमठ और नरसिंह मंदिर (जोशीमठ) के मंदिरों में स्थानांतरित किया जाता है।

परंपरागत रूप से, चार धामों की तीर्थयात्रा मई में शुरू होती है और सर्दियों की शुरुआत के साथ अक्टूबर में समाप्त होती है। चूंकि सर्दियाँ के दौरान भारी बर्फबारी होती है और यात्रा करना मुश्किल हो जाता है इसलिए देवी-देवताओं की मूर्तियों और प्रतीकों को पास के मंदिरों में ले जाया जाता है जहाँ सर्दियों के दौरान इनकी पूजा की जाती है |

उत्तराखंड के शीतकालीन चारधाम

चारधाम शीतकालीन चारधाम
केदारनाथ ओमकारेश्वर मंदिर, उखीमठ
बद्रीनाथ नरसिंह मंदिर, जोशीमठ
गंगोत्री मुखवा मंदिर, गंगोत्री
यमुनोत्री खरसाली मंदिर, यमुनोत्री
Winter Chardham

Winter Chardham

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